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कविता

शब्द भर ‘ठीक’

प्रतिभा कटियार


'ठीक' कहने से पहले जाँच लेना खुद को ठीक से
कि कहीं 'अठीक' साथ चिपक न जाए
कहे गए 'ठीक' की पीठ पर
'ठीक' को सिर्फ शब्द भर बना रहने देना
उसे अपनी मुस्कुराहटों से सजाना, सँवरना
और जो इस ठीक से बचा हुआ सच है न
उदास, तन्हा, बोझिल, जख्मी
उसे मेरी हथेलियों पे रख देना
 


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